आवारा मवेशियों की नही हो रही पाबंदी, प्रशासन मौन, किसानों की खड़ी फसल होती जा रही नष्ट
शैलेन्द्र जायसवाल- जिले के ग्रामीण अंचलों में आवारा पशु किसानो की खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं, मवेशियों की नही हो कोई रही पाबंदी, प्रशासन मौन, किसानों की खड़ी फसल नष्ट होने से किसानों में मायूसी छाई है।
रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान ब्लाक अंतर्गत ग्राम मनिकवार नंबर एक, देवरा फरेदा, उलही कला, उलही खुर्द, हिनौती इत्यादि गावो में गौशालाएं नही है। किसानों ने आवारा मावेशियो को व्यवस्थित रूप से अन्यत्र गौशालयों में ले जाते हैं तो किसानों से 200 रुपए प्रति गाय के हिसाब से लिए जाते हैं तब गौशाला में रखते हैं।
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किसानों ने की अपील
आवारा पशु किसानों के लिए कोई नई समस्या नही है बल्कि यह समस्या का समाधान के लिए तहसील रायपुर कर्चुलियान एस डी एम पीएस त्रिपाठी को एक ज्ञापन सौंपा गया था। और उस ज्ञापन के माध्यम से किसानो को आश्वासन दिया गया था। की किसानों की समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। लेकिन 1 साल से करीब ज्यादा हो गया है परंतु आज तक आवारा पशुओं जैसी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। एक बार फिर किसानों ने आवारा पशुओं को व्यवस्थित तरीके से रखवाने के लिए शासन प्रशासन से अपील की है।
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एक तरफ सरकार किसानो के लिए बड़े बड़े वादे करती जा रही है वही दूसरी तरफ किसानो की फसल आवारा मवेशियों से नष्ट होती जा रही है इसका जवाबदार कौन होगा। बड़ा सवाल गावो में आवारा मवेशियों को सुरक्षित गौशालाओं में क्यों नहीं रखवाया जा रहा है आखिरकार वजह क्या है..!